मोगा से मार्मिक तस्वीर : बाढ़ पीड़ितों के दर्द को करीब से समझना चाहते हैं मोदी – प्रो. एसपी सिंह बघेल
-बोले-31 मार्च से पहले 12 हजार करोड़ आ चुके थे तो समय पर उचित प्रबंध क्यों नहीं किये
-जिला प्रशासन के पास 350 करोड़ उपलब्ध, फिर 50 करोड़ में धुस्सी बांध मजबूत क्यों नहीं किया
द बीट्स न्यूज नेटवर्क
मोगा। धर्मकोट के बाढ़ प्रभावित 90 प्रतिशत क्षेत्र तक पहुंचकर नुकसान का अनुमान व मदद की संभावनाओं को तलाशने के बाद मीडिया से बात करते हुए भारत सरकार के मछली, पशुपालन व डेयरी विकास विभाग के राज्यमंत्री प्रो.एसपी सिंह बघेल जहां धर्मकोट में बाढ़ से बचाव का स्थायी समाधान बता गये, वहीं पंजाब सरकार की नीयत पर सवाल भी खड़ा कर गये। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन कोष में मार्च 2025 से पहले 12000 करोड़ रुपये आ चुके थे, तब बाढ़ आने से पहले पंजाब सरकार ने बाढ़ से बचाने के लिए प्रबंध क्यों नहीं किये। सरकारी खजाने में मौजूद राशि का क्या करते रहे।
प्रो.बघेल ने कहा कि पंजाब सरकार ये बहाना न करे कि नियम कठिन है, वे जनता को ये बताएं कि कौन सा नियम उन्हें पीड़ित लोगों को मदद देने में बाधा पैदा कर रहा है, उन्होंने ये भी नसीहत दी कि पीड़ितों को मदद की राशि उनके खाते में जानी चाहिए, अन्यथा बचत के नाम पर भ्रष्टाचार हो सकता है। प्रो.बघेल ने सोमवार को धर्मकोट क्षेत्र में दोपहर एक बजे दौरा शुरू किया और रात 11 बजे तक वे प्रभावित क्षेत्रों जायजा लेते रहे, मंगलवार को फिर वे पीड़ितों से मिलने पहुंचे, बाद में उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की। प्रो.बघेल ने बताया कि डीसी सागर सेतिया ने उन्हें बैठक में बताया है कि मोगा जिले के पास आपदा प्रबंधन के लिए 350 करोड़ की राशि उपलब्ध है। धर्मकोट में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जिस धुस्सी बांध को मजबूत व ऊंचा करने की बात सामने आई है अधिकारियों ने उसके लिए 50 करोड़ रुपये का बजट बताया है,जब 350 करोड़ रुपये जिला प्रशासन के पास उपलब्ध हैं तो 50 करोड़ रुपये की लागत से धुस्सी बांध को मजबूत क्यों नहीं किया गया? ये बड़ा सवाल है। अगर ये 50 करोड़ की राशि से धुस्सी बांध मजबूत बन जाता है तो 450 करोड़ से ज्यादा कीमत की चार हजार एकड़ क्षेत्र की फसल को बचाया जा सकता है।
केन्द्रीय मंत्री ने किसान बीमा योजना पंजाब में लागू न करने पर भी सवाल उठाया,उन्होंने कहा कि अगर पंजाब सरकार किसान बीमा योजना को लागू कर देती है तो किसानों को उसकी फसल का नुकसान तत्काल मिल सकता है, उन्होंने हैरानी जतायी कि धर्मकोट के जिन 90 प्रतिशत गांवों का उन्होंने दौरा किया है, उनमें 100 प्रतिशत फसल खराब हुई है, ऐसे में जब पूरी फसल ही खत्म हो गई तो पंजाब सरकार किस गिरदावरी का इंतजार कर रही है, किसानों को एरिया पता कर तत्काल उन्हें मदद की राशि क्यों नहीं दे रही है, किसानों को मदद आज चाहिए।
उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा को शब्दों में पिरो पाना आसान नहीं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का साफ संदेश है कि “ये समय फोटो खिंचवाने या इवेंट मैनेजमेंट का नहीं, बल्कि सच्चे दिल से सेवा करने का है।”
प्रो. बघेल ने कहा, “पंजाब का किसान देश का पेट भरता है, हर संकट में देश के लिए खड़ा होता है। आज जब वही किसान संकट में है तो पूरे देश का फर्ज़ है कि उसके साथ खड़ा हो। यही इंसानियत और मानवता का तकाज़ा है।”
उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ित सिर्फ तात्कालिक मदद नहीं, बल्कि स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
प्रो. बघेल ने कहा कि यह दर्द और समाधान पीड़ितों की जुबान से सीधे सुनना ही वास्तविक राहत की दिशा तय कर सकता है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. हरजोत कमल ने पहले ही प्रभावित गांवों का विस्तृत खाका तैयार कर उन्हें सौंपा था, वे बाढ़ प्रभावित लोगों के हालातों को लेकर पहले से ही काफी संवेदनशील थे, दिल से जुड़े थे। उनकी टीम द्वारा तैयार रिपोर्ट के कारण ही अधिक से अधिक पीड़ित परिवारों तक पहुंचना संभव हो सका।
द बीट्स न्यूज नेटवर्क
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