केन्द्रीय मंत्री ने कहा
पंजाब सरकार के इस कदम से भ्रष्टाचार की संभावना से इंकार नहीं
द बीट्स न्यूज नेटवर्क
मोगा। भारत सरकार के राज्य मंत्री मुरलीधर किशन महोल ने पंजाब सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि अगर ये बातें सही है कि पंजाब सरकार गांव की पंचायतों को विकास के लिए दी गई धनराशि बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए वापस मांग रही है तो ये पंजाब के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के साथ घोर अन्याय है, बाढ़ पीड़ितों की राहत के लिए पंजाब सरकार के केन्द्र से 12000 करोड़ रुपये की राशि 31 मार्च से पहले ही आ चुकी है, 1600 करोड़ और आने हैं, फिर गांव के विकास की राशि वापस मांगा जाना सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करते हैं, इसमें भ्रष्टाचार की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
केन्द्रीय मंत्री शनिवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का लगातार दूसरे दिन दौरा करने के बाद भाजपा के दुन्नेके स्थित जिला कार्यालय में मीडिया से बात कर रहे थे। इस मौके पर जिलाध्यक्ष डॉ.हरजोत कमल भी मौजूद थे।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि उन्होंने धर्मकोट क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर हालातों का जायज़ा लिया और स्थाई समाधान खोजने की दिशा में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों की समस्याओं के समाधान के लिए केंद्र सरकार हरसंभव मदद देगी।
दौरे के दौरान ग्रामीणों ने मंत्री को गांव गिद्दड़विंडी के पास स्थित मखू-लोहिया रेलवे ब्रिज की समस्या से अवगत कराया। बताया गया कि यह पुल ज़मीन से मात्र 4 फीट ऊंचा है, जबकि बाढ़ के समय पानी का स्तर 8 फीट तक पहुंच जाता है। ऐसे में पेड़-पौधे और मरे हुए जानवर ब्रिज के नीचे फंस जाते हैं, जिससे पानी का बहाव रुक जाता है और एक तरफ भारी तबाही मचती है। इस पर मंत्री ने रेलवे के डीआरएम और जिला प्रशासन के एडीसी को संयुक्त रूप से स्थाई समाधान की योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा, भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत जलालपुर गांव के पास बन रहे पुल का भी निरीक्षण किया गया। ग्रामीणों ने मांग की कि जिस हिस्से में मिट्टी डाली गई है, वहां भी पिलर बनाए जाएं ताकि पुल की मजबूती और दीर्घकालीन सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। मंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को समाधान निकालने के निर्देश दिए।
भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. हरजोत कमल और भाजपा धर्मकोट प्रभारी शमशेर सिंह कैला ने मंत्री को सतलुज दरिया से हो रहे कटाव की गंभीरता बताई। उन्होंने कहा कि पानी का तेज़ बहाव खेतों की उपजाऊ ज़मीन को लगातार निगल रहा है। यदि तुरंत पक्के स्टड न बनाए गए तो जिले की बड़ी खेती योग्य भूमि नदी में समा जाएगी। इस पर मंत्री ने प्रशासन को प्राथमिकता के आधार पर कदम उठाने के आदेश दिए।
डॉ. हरजोत कमल ने मंत्री को पहले से तैयार विस्तृत रिपोर्ट भी सौंपी, जिसमें अब तक हुए नुकसान और प्रभावित परिवारों की मदद के लिए आवश्यक उपायों का पूरा खाका शामिल है।
दो दिन के इस दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि धर्मकोट और आसपास के गांवों की समस्याओं का स्थाई समाधान हर हाल में कराया जाएगा
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