विवादों में आने के बाद जमीन के मुआवजे का भुगतान हुआ ही नहीं
पहले से अधिग्रहीत जमीन का एक व्यक्ति ने किया मालिकी का दावा, केस अदालत में
द बीट्स न्यूज नेटवर्क
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मोगा। एडीसी व नगर निगम की कमिश्नर डॉ.चारुमिता को पीडब्ल्यूडी की जमीन अधिग्रहण के एवज में 3.7 करोड़ रुपये की मुआवजा मंजूर कर जारी करने के मामले में पीसीएस अधिकारी एडीसी डॉ.चारुमिता को चार्जशीट किये जाने के मामले में नया मोड़ सामने आ गया है। सरकारी रिकार्ड में विवादास्पद जमीन का मुआवजा राशि का भुगतान किया ही नहीं गया है। वीरवार को इस मामले में बड़ा खुलासा होने के साथ ही एडीसी डॉ.चारुमिता के खिलाफ रची गई बड़ी साजिश व झूठ से पर्दा उठ सकता है। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि 1963 में जिस जमीन को पीडब्ल्यूडी ने अधिग्रहीत किया था, बाद में उस जमीन के मालिक होने का दावा करते हुए एक व्यक्ति ने मुआवजा राशि का भुगतान का क्लेम किया था। मामला अभी अदालत में विचाराधीन है। जिसके चलते अभी तक मुआवजा राशि का भुगतान किसी को किया ही नहीं गया। पीडब्ल्यूडी द्वारा अधिग्रहीत इस जमीन को साल 2014 नेशनल हाइवे अथॉरिटी को स्थानांतरित किया गया था। इस जगह पर हाइवे का निर्माण शुरू करने की योजना तैयार हुई तो एक व्यक्ति ने खुद को जमीन का मालिक बताते हुए सरकार से मुआवजा राशि उसे देने का क्लेम हाईकोर्ट में कर दिया था।
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