धल्लेके में छठी मैया का पूजन, डॉ. हरजोत कमल ने की व्रतधारियों की आस्था को नमन
कहा-मोगा में बनेगा “यादगार छठ सरोवर”
द बीट्स न्यूज
मोगा। भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष डॉ. हरजोत कमल ने जीरा रोड स्थित धल्लेके में आयोजित भव्य छठ पूजन समारोह में शामिल होकर व्रतधारियों को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर उन्होंने संकल्प लिया कि यदि मोगा की जनता ने उन्हें पुनः विधायक के रूप में सेवा का अवसर दिया, तो धल्लेके स्थित इस सरोवर को “यादगार छठ सरोवर” के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि मोगा और आसपास के वे परिवार जो बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे प्रदेशों से आकर बसे हैं, वे यहाँ हर वर्ष अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ श्रद्धा भाव से छठी मैया का पूजन कर सकें।
डॉ. कमल ने कहा कि हर वर्ष छठ पर्व के दौरान इस सरोवर पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु महिलाएं और पुरुष जुटते हैं, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से अब तक न तो सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं, न ही रोशनी, स्वच्छता और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था। उन्होंने कहा कि जब कोई धार्मिक पर्व सामाजिक एकता और लोक आस्था का प्रतीक बन जाए, तो प्रशासन का दायित्व बनता है कि वह उसकी गरिमा और व्यवस्था सुनिश्चित करे।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी व्यापार प्रकोष्ठ, पंजाब के उपाध्यक्ष देवप्रिय त्यागी ने भी व्रतधारियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि छठी मैया हमारे जीवन में प्रकाश, ऊर्जा और सौभाग्य का संचार करती हैं। “भारत की यही तो विशेषता है,” उन्होंने कहा, “कि यहां डूबते सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है — यह परंपरा हमें सिखाती है कि समाज के हर व्यक्ति का, चाहे वह उभरता हुआ हो या संघर्षरत, समान सम्मान किया जाना चाहिए।”
डॉ. हरजोत कमल ने छठ पूजन स्थल पर करीब एक घंटे तक रुककर श्रद्धालुओं की समस्याएं सुनीं और स्थल की आवश्यकताओं का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस सरोवर को एक सुसज्जित धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें सुरक्षा, स्वच्छता और सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
आयोजकों और श्रद्धालुओं ने डॉ. हरजोत कमल का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। पहली बार किसी राष्ट्रीय पार्टी के जिला अध्यक्ष ने छठ पूजन जैसे जनआस्था के पर्व पर इतना समय बिताकर लोगों के बीच अपनी भागीदारी दर्ज कराई।
कार्यक्रम में लोक गीतों और परंपरागत भजनों के साथ वातावरण भक्तिमय बना रहा। छठी मैया के जयघोष से सरोवर क्षेत्र गूंज उठा। यह आयोजन एक बार फिर इस संदेश के साथ संपन्न हुआ कि भारत की विविध धार्मिक परंपराएं—चाहे वह दीपावली का प्रकाश हो, नवरात्र की साधना हो या छठ की अर्घ्य परंपरा—सभी एक ही सूत्र में बंधी हैं, ये “आस्था, एकता और लोक संस्कृति का सम्मान।” का प्रतीक हैं।
सत्येन ओझा
द बीट्स न्यूज नेटवर्क
7087570105



