जिंदगी की नाव मंझदार में फंसी, तब जुगाड़ काम आई
फिरोजपुर में बाढ़ पीड़ित परिवार सहायता न मिलने पर जुगाड़ की नाव बनाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा
सोनू अटवाल (द बीट्स न्यूज नेटवर्क)
फिरोजपुर। जिंदगी की नाव जब मंझदार में फंस जाय, तब व्यक्ति के अंदर एक ऐसी शक्ति आती है जो उस मंझदार को पार कराने में सक्षम होती है। जी हां दोस्तो फिरोजपुर के गांव निहाला लवेरा गांव की एक ऐसा ही उदाहरण सामने आया है। फिरोजपुर जिले में बाढ़ से हालात खराब हैं। सतलुज दरिया का पानी गांव के घरों घुस गया है। फसल डूब चुकी है।
लोग भारी आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं। सरकार और प्रशासन लगातार राहत कार्य के दावे तो कर रहा है, लेकिन ये प्रयास पर्याप्त नहीं है।
अभी भी तमाम लोग राहत पाने की उम्मीद लगाये बैठे हैं।
गांव निहाला लवेरा से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे इलाके की बेबसी को उजागर कर दिया हैं। गांव के निवासी हरजिंदर सिंह पुत्र बलवीर सिंह का पूरा परिवार पिछले तीन दिनों से बाढ़ के पानी में फंसा हुआ था। परिवार ने कई बार प्रशासन और समाजसेवी संस्थाओं से मदद की गुहार लगाई, नाव की मांग की – लेकिन किसी ने भी उनकी आवाज नहीं सुनी।
आखिरकार, जब हालात बेकाबू हो गए तो हरजिंदर सिंह ने अपनी जान जोखिम में डालकर गैस सिलेंडर, चारपाई, ट्रॉली और ट्रक के टायरों की ट्यूब से एक देसी नाव तैयार कर डाली। इसी नाव पर बैठकर परिवार के 15 सदस्य, जरूरी सामान और पशुओं को लेकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचे।
नाव को चलाने के लिए भी अनोखा जुगाड़ किया गया – चप्पू के तौर पर ‘फर्राटा पंखे’ के परों से पैडल तैयार किये।