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भाजपा नेता की कॉमर्शियल बिल्डिंग की दीवार बिना नोटिस ध्वस्त की


शिकायत डीसी से की, हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी
देवप्रिय त्यागी ने कहा कार्रवाई पूरी तरह नियमों के खिलाफ
द बीट्स न्यूज
मोगा। जेल वाली गली स्थित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ट्रेड सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं समाजसेवी देवप्रिय त्यागी की कॉमर्शियल प्रॉपर्टी की पुरानी दीवार के मरम्मत के दौरान उसे ध्वस्त करने के मामले को लेकर भाजपा नेता ने हाईकोर्ट में ले जाने की तैयारी कर ली है।
नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच की टीम ने एक दिन पहले जेल वाली गली स्थित दीवार को ध्वस्त कर दिया था। देवप्रिय त्यागी ने निगम की इस कार्रवाई को पूरी तरह गैर कानूनी बताते हुए इसे सियासी दबाव में कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा है कि निगम की टीम ने बिना किसी नोटिस के उनकी प्रॉपर्टी की दीवार गिरा दी। ऐसा करते निगम की टीम ने कानून की धज्जियां उड़ाई हैं।
हालांकि निगम की बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों का कहना है कि कुछ दिन पहले दीवार पर दुकानें किराये के लिए उपलब्ध होने की सूचना लगी थी, जिसके आधार पर निगम ने देवप्रिय त्यागी को नोटिस दिया था, नोटिस के बावजूद निर्माण जारी रहा तो निगम को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उधर त्यागी का कहना है कि उनकी दीवार पर किसी ब्रोकर ने दुकान किराये पर उपलब्ध की सूचना लगाई थी, उस पर किसी ब्रोकर का नंबर था, उनका उस सूचना से कोई संबंध नहीं था। 16 अक्टूबर को नोटिस मिलने के बाद उन्होंने इस सूचना को वहां से हटवा दिया था, हाल ही में वे सिर्फ पुरानी दीवार की जगह नई दीवार लगवा रहे थे। कोई लैंटर नहीं पड़ा है, इससे पहले वे कई बार नगर निगम में जाकर कॉमर्शियल बिल्डिंग तैयार करने के लिए नक्शे के संबंध में बात कर चुके हैं, ये बातचीत चल रही थी, निगम की ओर से देरी हो रही थी, तब तक उन्होंने सुरक्षा को देखते हुए पुरानी दीवार की जगह नई दीवार तैयार करा दी थी, उस पर किसी प्रकार का कोई लैंटर डालने का प्रयास नहीं किया गया, न ही नगर निगम की ओर से दोबारा उन्हें कोई औरनोटिस मिला। वीरवार को जब वे बाहर थे, तभी उन्हें सूचना मिली कि निगम की टीम ने उनकी बिल्डिंग की दीवार को ध्वस्त कर दिया है, उन्होंने कुछ समय बाद मौके पर पहुंचकर विरोध किया लेकिन निगम की टीम तब तक दीवार गिराकर चली गई। बाद में उन्होंने इसकी लिखित शिकायत डीसी से की है। शिकायत में निगम के बिल्डिंग इंस्पेक्टर को पार्टी बनाया है। साथ ही नगर निगम की इस कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर ली है।

क्या है नियम
बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार जब भी किसी बिल्डिंग को ध्वस्त करना होता है तो बिल्डिंग ब्रांच के बिल्डिंग इंस्पेक्टर की ओर से मौके की जांच के बाद रिपोर्ट निगम कमिश्नर को सौंपी जाती है, बाद में इस रिपोर्ट पर निगम कमिश्नर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी फैसला देती है, कमेटी की ओर से बिल्डिंग को ध्वस्त करने से पहले नोटिस दिया जाता है, लेकिन इस मामले में इस प्रकार की कोई कार्रवाई करने के बजाय दीवार ध्वस्त कर दी, जबकि शहर में कई ऐसी कॉर्मशियल बिल्डिंग हैं जिनके पिलर निगम की सड़कों पर बन रहे हैं, लेकिन निगम उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

द बीट्स न्यूज नेटवर्क
7087570105

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