

-आर्थिक संकट पैदा हुआ, 77 करोड़ के बजट वाली निगम की बागडोर एक्सईएन के हाथों में
-एसई, ज्वाइंट कमिश्नर, सचिव के पद पहले से ही लंबे समय से चल रहे हैं खाली
सत्येन ओझा, द बीट्स न्यूज
लगभग 77 करोड़ के सालाना बजट वाली ए ग्रेड नगर निगम पिछले 7 दिनों से बिना निगम कमिश्नर के चल रही है, शीर्ष क्रम में एसई, ज्वाइंट कमिश्नर, सचिव के पद पहले ही खाली चल रहे हैं, इस समय निगम की बागडोर एक्सईएन स्तर के अधिकारी के हाथों में हैं, उन्हें ज्वाइंट कमिश्नर का पद खाली होने के चलते इस पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी हुई है, ये जिम्मेदारी भी उस हालत में दी है, जब एक्सईएन रमन कौशल के बाद सप्ताह के सभी छह दिन में से दो दिन उन्हें दूसरे जिले की निगम का कामकाज भी देखना होता है।
ये स्थिति निगम कमिश्नर के रूप में अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहीं एडीसी जनरल डॉ.चारुमिता के धर्मकोट में एक जमीन अधिग्रहण के मामले में छह नवंबर को निलंबन के बाद पैदा हुई है। उनके निलंबन के बाद अभी तक पंजाब सरकार ने इस पद की जिम्मेदारी अभी तक किसी को नहीं दी है, न ही किसी को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। ऐसे में निगम इस समय गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है। निगम कमिश्नर का पद खाली होने के चलते निगम के अधिकारी किसी को भी भुगतान नहीं कर सकते हैं, क्योंकि भुगतान के लिए अंतिम रूप से मंजूरी निगम कमिश्नर को ही करनी होती है। सूत्रों की मानें तो कुछ लोगों को भुगतान के लिए राजनीतिक स्तर पर काफी दबाव है, ऐसे में निगम के अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं, क्योंकि बिना निगम कमिश्नर के वे किसके हस्ताक्षर से भुगतान करेंगे, अगर बिना निगम कमिश्नर के इस समय किसी प्रकार का बड़ा भुगतान किया जा सकता है तो वह नियमों के खिलाफ होगा, वह जांच के दायरे में आ सकता है। हो सकता है अभी भले ही ऐसे मामले में कोई बड़ी कार्रवाई न हो, लेकिन अगर कोई बड़ा भुगतान होता है तो आने वाले समय में किसी ने भी इसे मुद्दा बनाया तो पूरी भुगतान प्रक्रिया के मामले में अधिकारियों की गर्दन कानूनी शिकंजे में फंस सकती है। पूर्ण कालिक निगम कमिश्नर पूनम सिंह के तबादले के बाद से अभी तक ये पद खाली चल रहा है, डॉ. चारुमिता के बाद इस पद का अतिरिक्त कार्यभार था।
द बीट्स न्यूज नेटवर्क
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